शहीद रंजीत के गांव में पसरा मातम, बेटी IPS तो बेटा बनना चाहता है सैन्य अधिकारी
जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में पाकिस्तान के सीजफायर उल्लंघन में शहीद हुए लांस नायक रंजीत सिंह के गांव में मातम पसरा हुआ है. रंजीत के पड़ोसियों और परिवार को उनकी शहादत पर गर्व है पर बेटा खोने का दुख भी है.
रंजीत अपने घर के इकलौते बेटे थे, उनकी शहादत की खबर सुनने के बाद उनकी मां का रो-रोकर बुरा हाल है. वहीं उनकी पत्नी सरकार से अपने पति की मौत का बदला लेने की मांग कर रही है. रंजीत के मां को शहादत के एक दिन बाद पता चला कि उनका बेटा नहीं रहा.
उन्होंने कहा, "मेरे बेटे की खबर पूरी नहीं दी. हमें कुछ बताया नहीं यही कहा कि पांव में गोली लगी है. लेकिन आज पता चला कि वह शहीद हो गया है. मेरे बेटे का बदला सरकार ले, उनके भी 100 मारे. रोज-रोज की लड़ाई को बंद कर. मेरा इकलौता बेटा चला गया." वहीं रंजीत की पत्नी ने बताया कि वह उनका इकलौता सहारा था. उन्होंने कहा कि उन्हें कुछ नहीं चाहिए, बस अपने पति का बदला चाहिए.
बेटी IPS तो बेटा बनना चाहता है सेना अधिकारी
रंजीत सिंह के दोनों बच्चे कार्तिक और काजल सेना स्कूल में पढ़ते हैं. पिता की शहादत से दोनों बच्चे दुखी हैं लेकिन दोनों अपने पिता का सपना पूरा करना चाहते हैं. चौथी कक्षा में पढ़ने वाला कार्तिक अपने पिता की तरह सेना में जाना चाहता है, वह सैन्य अधिकारी बनना चाहता है. वह आतंकियों से अपने पिता की मौत का बदला लेना चाहता है. वहीं रंजीत काजल को आईपीएस अधिकारी बनाना चाहते थे. काजल अब अपने पिता के सपने को पूरा करना चाहती हैं. रंजीत ने अपने बच्चों की पढ़ाई की खातिर अपने गांव बर्ण से दूर किराए पर घर लिया क्योंकि उनके घर के आसपास सेना का स्कूल नहीं है.
कुछ दिन पहले ही छुट्टी से लौटे थे रंजीत
रंजीत की शहादत से उनके दोस्त भी दुखी हैं. रिश्तेदार व पड़ोसियों को भी यकीन नहीं है कि कुछ दिन पहले छुट्टी काट कर गया रंजीत अब उनके बीच नहीं है. रंजीत अपने गांव के तीसरे शहीद जवान हैं. रंजीत के चचेरे भाई चंचल सिंह ने बताया कि रंजीत बहुत दिलेर थे. रंजीत के दोस्तों ने बताया कि वह काफी खुशमिजाज और मिलनसार थे, सभी से हंसकर मिलते थे.